फिनटेक इंडस्ट्री ने वित्तीय सेवाओं को देखने और उनके इस्तेमाल करने के हमारे तरीके को काफी बदल दिया है. पारंपरिक बाधाओं को तोड़ फिनटेक ने वित्तीय लेनदेन को आसान बनाया है. लेकिन, तेज़ी से विकसित हो रहे फिनटेक जगत में जेंडर डिवाइड की चुनौती बनी हुई है (gender divide in Fintech industry).
CEO Tanul Mishra Fintech Industry में बढ़ा रहीं महिलाओं की भागीदारी
भारत का पहला और अब तक का इकलौता फिनटेक स्टार्टअप इनक्यूबेटर अफ़्थोनिया लैब (Fintech Startup Incubator Afthonia Lab) शुरू कर, फाउंडर और CEO Tanul Mishra फिनटेक इंडस्ट्री में महिलाओं की भागीदारी को प्राथमिकता दे रही है. रविवार विचार से बात के दौरान Tanul Mishra ने फिनटेक इंडस्ट्री और महिअलों से जुड़े अहम पहलुओं पर बात की.
Image Credits: Afthonia Lab
Tanul Mishra अपने काम के पीछे की प्रेरणा के बारे में बताती हैं, " मैं उन मज़बूत महिलाओं से घिरी हुई हूं जिन्होंने सीमाओं को पार कर अपने जीवन में सफलता हासिल की है. इन महिलाओं में मेरी टीचर, मां और मेरे एक्सटेंडेड सर्कल में मौजूद महिलाएं शामिल हैं. उनके दृढ़ संकल्प और कौशल ने मुझे फिनटेक और स्टार्टअप ईकोसिस्टम में महिलाओं का समर्थन करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए प्रेरित किया है."
Fintech Startups में लैंगिक भेदभावों का सामना कर रहीं Women Entrepreneurs
Tanul MIshra ने बताया कि फिनटेक स्टार्टअप्स में महिला उद्यमियों के लिए फंडिंग पुरुष फाउंडर्स की तुलना में काफी कम है. यह फंडिंग असमानता उन महिलाओं के लिए एक बड़ी बाधा है जो फिनटेक उद्योग में अपनी पहचान बनाने की इच्छा रखती हैं.
UK के एक अध्ययन के अनुसार, फिनटेक में महिला उद्यमियों को फंडिंग और निवेश के अवसरों, प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे तक सीमित पहुंच, नेटवर्क और मेंटरशिप कार्यक्रमों की कमी, प्रभावी टीम बनाने में कठिनाई और लैंगिक भेदभाव जैसी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.
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Fintech से Financial Inclusion को मिल सकता है बढ़ावा
फिनटेक उद्योग में विविधता, ख़ासकर जेंडर डाइवर्सिटी बहुत ज़रूरी है. वित्त और प्रौद्योगिकी को मिलाकर कई सर्विसेज को आसान बनाया जा सकता है. जैसे, UPI ने कई प्रोडक्ट्स और सेवाओं तक पहुंचना सुलभ बना दिया है. रिक्शा वाले से लेकर बड़े बिज़नेस man तक, हर कोई पैसे के लेन-देन के लिए डिजिटल भुगतान अपना रहा है.
Tanul Mishra ने बताया कि पारंपरिक बैंकिंग सेवाओं तक सीमित पहुंच वाले क्षेत्रों में महिलाओं के वित्तीय समावेशन को बढ़ाने में प्रौद्योगिकी और डिजिटल वित्तीय सेवाएं अहम योगदान देती हैं. मोबाइल बैंकिंग, डिजिटल भुगतान समाधान, माइक्रोफाइनेंस, वित्तीय शिक्षा, एआई और मशीन लर्निंग कुछ ऐसी तकनीकें हैं जिनका इस्तेमाल महिलाओं के लिए वित्तीय समावेशन (financial inclusivity) को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है.
Women-led Startups का समर्थन कर रहा Afthonia Lab
Tanul Mishra का मानना है कि फिनटेक इंडस्ट्री में लैंगिक विविधता के कई फायदे हैं. जेंडर इन्क्लूसिव टीम वाइड रेंज का नज़रिया पेश करती है, जिससे बेहतर निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है और नए उत्पाद और बेहतर सर्विसेज जन्म लेती हैं.
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महिलाओं की आर्थिक आज़ादी की ज़रुरत पर बात करते हुए Tanul Mishra कहती है, "मेरा मानना है कि महिलाओं को अपनी क्षमता के ज़रिये लक्ष्य हासिल करने के लिए आर्थिक रूप से सशक्त होना ज़रूरी है. फाइनेंशियल इन्क्लूशन को बढ़ावा देकर और महिलाओं के नेतृत्व वाले फिनटेक स्टार्टअप का समर्थन करके, हम महिलाओं को आर्थिक आज़ादी हासिल करने और अधिक न्यायसंगत समाज बनाने में मदद कर सकते हैं."
Fintech Startup Funngro को किया सपोर्ट
Afthonia Lab के 2020 में समर्थन से पायल एक सफल उद्यमी बनी, जिन्होंने फ़नग्रो की स्थापना की. यह फिनटेक स्टार्टअप किशोरों के लिए आर्थिक सशक्तिकरण समाधान प्रदान करता है. उनके लक्ष्य और दृढ़ संकल्प से प्रभावित होकर अफ़्थोनिया लैब ने मेंटरशिप, नेटवर्किंग के अवसर और फंडिंग तक पहुंच सहित इनक्यूबेशन सेवाएं प्रदान कीं.
आज, फ़नग्रो एक सफल फिनटेक स्टार्टअप है जिसने किशोरों को वास्तविक दुनिया से परिचित होने, संरचित कार्यक्रमों के ज़रिये सीखने और धन प्रबंधन में उनका पहला अनुभव हासिल करने में मदद की है. पायल की सफलता की कहानी इस बात का उदाहरण है कि कैसे महिलाओं के नेतृत्व वाले फिनटेक स्टार्टअप समर्थन के ज़रिये न सिर्फ अपना लक्ष्य हासिल करते है बल्कि समाज की प्रगति में भी अहम योगदान देते है.
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CEO तनुल मिश्रा ने कहा, "भारत में फिनटेक और स्टार्टअप इकोसिस्टम हाल के वर्षों में काफी विकसित हुआ है और मेरा मानना है कि इसमें लाखों लोगों के जीवन को बदलने की क्षमता है. महिला-केंद्रित पहलों को बढ़ावा देकर और महिलाओं के नेतृत्व वाले फिनटेक स्टार्टअप का समर्थन करके, हम एक अधिक विविध और समावेशी ईकोसिस्टम बना सकते हैं जिससे समाज में विकास की गति बढ़ सके."